
जशपुर जैसे कोरबा में भी मीड डे मील अंतर्गत मध्यान्ह भोजन बंद होने की कगार पर, दोषियों को बर्खास्त कर कड़ी वैधानिक कार्रवाई की मांग किया मो. न्याज नूर आरबी ने…

कोरबा छत्तीसगढ़ – मो. न्याज नूर आरबी भाजपा जिला सह संयोजक सहकारिता प्रकोष्ठ ने आ. जा. क. वि. शा. प्राथमिक विद्यालय में चालू वित्तीय वर्ष में विगत 9 माह से मध्यान्ह भोजन न पहुंचने व सब्जी का रकम न मिलने की जानकारी देते हुए विभागीय व दंडात्मक वैधानिक कार्यवाही हेतु जिला कलेक्टर को शिकायत पत्र सौंपा है
युवा भाजपा नेता ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार से शुरू हुई मध्यान्ह भोजन योजना जो गरीब तबके के बच्चे शासकीय प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ रहे हैं जिनकी पढ़ाई में अभिरुचि अच्छे से समायोजित हो सके, इस हेतु केंद्र सरकार व राज्य सरकार के अंशदान से यह योजना विगत कई वर्षों से पूरे छत्तीसगढ़ में सुचारू रूप से चल रही है। लेकिन यह दुर्भाग्य का विषय है कि जिला मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर दूर कोरबा ब्लॉक के ग्राम परसाखोला में संचालित आदिम जाति कल्याण विभाग शाला अंतर्गत प्राथ. विद्यालय में मिड डे मील योजना के अंतर्गत मध्यान्ह भोजन मिलने वाला टोकन विगत 9 माह से ग्राम परसाखोला की महिला स्व सहायता समूह के पास न पहुंचने की वजह से चांवल न मिलने के कारण तथा सब्जी की भी राशि न मिलने के कारण गरीब महिलाएं दर्जनों बच्चों को भूखा ना रखते हुए और पढ़ाई में किसी प्रकार की बाधा न आए इस कारण अपने घर के पैसों से प्रतिमाह हजारों रुपयों की चावल व सब्जी खरीदकर पकाते हुए बच्चों को शासन की योजना के अनुरूप कार्य करते हुए खिला रहे हैं। ताकि बच्चों का भविष्य और बच्चों के भविष्य के साथ भविष्य में देश प्रदेश की सेवा करने वाले होनहार बच्चे जो गरीब तबके से आते हैं उनके साथ कोई अन्याय ना हो इसलिए गांव के मध्यान्ह भोजन संचालित करने वाली महिला स्व सहायता समूह इसका बीड़ा उठाए हुए हैं व इस मामले की शिकायत 1 माह पूर्व संकुल प्रबंधक से करने के बावजूद अब तक गरीब बच्चों के मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था प्रशासनिक रूप से ना हो पाना जशपुर में हुए मिड डे मील योजना बंद होने जैसे घटना की पुनरावृत्ति होने व लाखों रुपयों के भ्रष्टाचार होने की घटना साफ-साफ प्रतीत हो रहा है।
आरबी ने कलेक्टर से मांग किया है कि इस घटना में कोरबा ब्लॉक के डीईओ, संकुल समन्वयक व इस घटना से जुड़े हुए अन्य अधिकारी कर्मचारियों को बर्खास्त करते हुए सख्त से सख्त विभागीय व वैधानिक कार्यवाही की जाए। क्योंकि यह सिर्फ लापरवाही का मामला नहीं है, लाखों रुपयों के भ्रष्टाचार का मामला जब 21 बच्चे व 2 शिक्षिका के साथ संचालित होने वाले एक विद्यालय का यह हाल है तो फिर पूरे जिले में कैसा भ्रष्टाचार व्याप्त होगा यह समझने वाली बातें हैं।
मो. न्याज ने आगे कहा कि जिले में सभी विभागों के कार्यों के सतत निरीक्षण की प्रक्रिया सिर्फ कागजों में ही की जा रही है। इसलिए ही प्रत्येक विभाग में भ्रष्टाचार उजागर होने की कड़ी बड़ी लंबी होती चली जा रही है। जबकि जिले के खाद्य विभाग सहित अन्य विभागों से जुड़े हुए मुद्दों घटनाओं पर मेरे द्वारा लगातार ज्ञापन दिया जा रहा है, जनदर्शन में भी दिए हुए अनेकों ज्ञापन पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।